Sunday 17 May 2020

सप्ताह मै एक दिन बनाए अपने रोजमरा के कार्य से सुट्टी और रहिये 35 या 36 घंटे होम क्वारंटाइन और एक कदम बढाईये स्वस्थ जीवन की ओर जाने कैसे ?

 आपके दफ्तर का समय सुबह 9:00 बजे और वापस घर आने का रात्रि का समय 9:00 बजे है ।
माना कि  एक घंटा आप बाजार के कार्य और आपके बाहरी कार्य या दफ्तर से घर आने में में जो समय लगता है वह एक घंटा लगता है ।
आप घर के अंदर दाखिल होते हो 10:00 बजे  जाहिर सी बात है अगर आप देरी से अपने कार्य से घर पर देर से आए हो तो देरी से ही सोहोगे - देर से सोहोगे तो देरी से ही उठोगे ।
अगला दिन आपका छुट्टी कहां है ( रविवार )

दिन भर आपको अपने  घर पर ही समय बिताना है

 रुकिए आगे बढ़ने से पहले ?

यहां आपकी समय की गणित लगाते हैं की जिस दिन आप अपने कार्य से कर लोटे हो उस  दिन की रात 10:00 बजे से लेकर सुबह 10:00 बजे तक 12 घंटे होते हैं ।

छुट्टी के दिन सुबह 10:00 से शाम को 10:00 बजे बजे तक आप घर पर ही रहते हो वह भी 12 घंटे होते हैं ।
                 फिर आपके सोने का समय 8 घंटे ।

सुबह उठने के बाद आपके तैयार होने में जो समय लगता है वह एक घंटा ।

 दो घंटा आपका अलग से मानलेते है जो समय आप घर पर ही बीताते हो जैसे कि चाय पीने में न्यूज़पेपर बढ़ने मै व्यायाम करने मै ।।

आपने होम क्वारंटाइन मै कुल समय बिताया है 35 घंटे ।

 किसी भी वायरस के खत्म होने में कम से कम 24 घंटे लगते हैं ।
( एक अनुमानित समय : किसी भी व्यक्ति के बीमारी या बीमार होने की स्थिति या उससे जुडे लक्षण कम से कम समय यानिकी 24 घंटे में पता लग जाता हैं )

 ( सोमवार ) अब आप के घर से लेकर आपके दफ्तर या आपका जो कार्य स्थल है  वहां तक जाने के रास्ते पर आप पूरे 35 घंटे के बाद उस रास्ते पर से गुजर रहे हो और दफ्तर या अपने कार्यस्थल पर 35 घंटे बाद पहुंच रहे हो ।।

ईस 35 घंटे के समय के बाद जिस रास्ते से आप गुजरे हो वो कम से कम वहां पर 2 बार तो साफ सफाई हुई होगी ? 

जिस दफ्तर या जो आपका कार्य स्थल है वहां आपके पहुंचने सै पहले साफ सफाई या सेनटाईज कर दिया जाता हैं 
( नोट : कार्यस्थल के समय को 12 घंटे समझ कर या मानकर समय की गणित की गई है आप के समय की गणना कुछ और भी हो सकती है जो कि  30,घंटे 36 या 38 घंटे से कम या ज्यादा हो सकती है । )

 health4knowledge  की इस घणना को अपने जीवन काल में उतारे और एक स्वस्थ जीवन जिए ।।

ये जानना आपके लिए बहुत जरूरी है ?

Monday 11 May 2020

होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइन / 17 दिन बाद आइसोलेशन खत्म कर सकेंगे, बशर्ते 10 दिन से बुखार नहीं आया हो; हर 8 घंटे में मास्क बदलना होगा


  • होम आइसोलेशन खत्म होने के बाद कोरोना टेस्ट करवाना जरूरी नहीं
  • बहुत हल्के लक्षणों वाले या प्री-सिम्प्टोमैटिक मरीज घर पर ही आइसोलेट हो सकते हैं
  • होम आइसोलेशन की गाइडलाइन फॉलो करने की अंडरटेकिंग भी देनी होती है

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के बहुत हल्के (वेरी माइल्ड) लक्षण या प्री-सिम्प्टोमैटिक मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की गाइडलाइन में बदलाव किए हैं। होम आइसोलेशन वाले मरीज शुरुआती लक्षण दिखने के 17 दिन बाद आइसोलेशन खत्म कर सकेंगे। प्री-सिम्पटोमैटिक मामलों में सैंपलिंग के दिन से 17 दिन गिने जाएंगे। दोनों मामलों में यह शर्त होगी कि 10 दिन से बुखार नहीं आया हो। आइसोलेशन खत्म होने के बाद कोरोना टेस्ट करवाना जरूरी नहीं होगा।

इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने 27 अप्रैल को गाइडलाइन जारी कर बहुत हल्के या प्री-सिम्प्टोमैटिक मरीजों को होम आइसोलेशन की इजाजत दी थी। अब होम आइसोलेशन वाले मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। दोनों को ट्रिपल लेयर मास्क पहनना जरूरी होगा।

मरीजों के लिए 10 निर्देश
1. हर वक्त ट्रिपल लेयर वाला मेडिकल मास्क पहनना होगा। हर 8 घंटे में इसे बदलना होगा। अगर मास्क गीला या गंदा हो जाता है तो तुरंत बदलना पड़ेगा।

2. इस्तेमाल के बाद मास्क को डिस्कार्ड करने से पहले 1% सोडियम हाइपो-क्लोराइट से संक्रमण रहित (डिसइन्फेक्ट) करना होगा।

3. मरीज को अपने कमरे में ही रहना होगा। घर के दूसरे सदस्यों खासकर बुजुर्गों और हाइपरटेंशन या दिल की बीमारी वाले लोगों से संपर्क नहीं होना चाहिए।

4. मरीज को पर्याप्त आराम करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पानी या तरल (फ्लुइड) लेना चाहिए।

5. सांस की स्थिति पर नजर रखने के लिए जो निर्देश दिए गए हैं वे मानने पड़ेंगे।

6. साबुन-पानी या अल्कोहॉल वाले सैनिटाइजर से कम से कम 40 सैकंड तक हाथ साफ करते रहने चाहिए।

7. पर्सनल चीजें दूसरों के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए।

8. कमरे में जिन सतहों को बार-बार छूना पड़ता है (जैसे- टेबलटॉप, दरवाजों के कुंडी और हैंडल) उन्हें 1% हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से साफ करना चाहिए।

9. मरीज को डॉक्टर के निर्देश और दवाओं से जुड़ी सलाह माननी पड़ेगी।

10. मरीज अपनी हालत को खुद मॉनिटर करेगा। हर दिन शरीर के तापमान की जांच करेगा। अगर स्थिति बिगड़ने के लक्षण दिखें तो तुरंत बताना होगा।

मरीज की देखभाल करने वाले के लिए 12 निर्देश
1. मरीज के कमरे में जाए तो ट्रिपल लेयर वाला मेडिकल मास्क पहनना होगा। मास्क इस्तेमाल करते वक्त उसका सामने वाला हिस्सा नहीं छूना चाहिए। अगर मास्क गीला या गंदा हो जाए तो तुरंत बदलना चाहिए। इस्तेमाल के बाद मास्क को डिस्कार्ड करें और हाथों को अच्छी तरह साफ करें।

2. देखभाल करने वाले को अपने चेहरे, नाक या मुंह को नहीं छूना चाहिए।

3. मरीज या उसके कमरे के संपर्क में आने पर हाथों को अच्छी तरह धोना चाहिए।

4. खाना बनाने से पहले और बाद में, खाना खाने से पहले, टॉयलेट जाने के बाद और जब भी हाथ गंदे लगें तो अच्छी तरह धोने चाहिए। हाथों को साबुन-पानी से 40 सैकेंड तक धोएं। हाथों में धूल नहीं लगी है तो अल्कोहॉल वाला सैनेटाइजर भी यूज कर सकते हैं।

5. साबुन-पानी से हाथ धोने के बाद डिस्पोजेबल पेपर नैपकिन से पोंछने चाहिए। पेपर नैपकिन नहीं हो तो साफ तौलिए से हाथ पोंछे। गीला होने पर उसे बदल दें।

6. मरीज के शरीर से निकले फ्लुइड के सीधे संपर्क में नहीं आएं। मरीज को संभालते वक्त हैंड ग्लव्ज पहनें। ग्लव्स पहनने और से पहले और उतारने के बाद हाथ भी साफ करें।

7. मरीज के साथ सिगरेट शेयर करने, उसके बर्तन, पानी, तौलिए और चादर के संपर्क में आने से बचें।

8. मरीज को खाना उसके कमरे में ही पहुंचाएं।

9. मरीज के बर्तन ग्लव्स पहनकर साबुन या डिटर्जेंट से साफ करें। ग्लव्स उतारने के बाद हाथ साफ करें।

10. मरीज के कमरे की सफाई करते वक्त, कपड़ों या चादर को धोने वक्त ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क और डिस्पोजेबल ग्लव्ज पहनें। ग्लव्स पहनने से पहले और उतारने के बाद अच्छी तरह हाथ धोएं।

11. इस बात का ध्यान रखें कि मरीज समय-समय पर दवाएं लेता रहे।

12. देखभाल करने वाला व्यक्ति या मरीज के नजदीकी संपर्क वाले लोग अपनी हेल्थ को खुद मॉनिटर करें। रोज शरीर के तापमान की जांच करें। कोरोना से जुड़े लक्षण दिखें तो तुरंत मेडिकल ऑफिसर से संपर्क करें।

Monday 23 March 2020

कोरोना की स्टेज क्या होती हैं ?

राजस्थान के भीलवाड़ा में
केरल के कुछ क्षेत्रों में कोरोना तीसरे स्टेज में पहुंच चुका है।


अच्छी बात यह है कि मध्यप्रदेश में यह स्टेज 1से 2 तक है।


ये स्टेज क्या होती हैं?

पहली स्टेज

विदेश से नवांकुर आया। एयरपोर्ट पर उसको बुखार नहीं था। उसको घर जाने दिया गया। पर उससे एयरपोर्ट पर एक शपथ पत्र भरवाया गया कि वह 14 दिन तक अपने घर में कैद रहेगा। और बुखार आदि आने पर इस नम्बर पर सम्पर्क करेगा।
घर जाकर उसने शपथ पत्र की शर्तों का पालन किया।
वह घर में कैद रहा।
यहां तक कि उसने घर के सदस्यों से भी दूरी बनाए रखी।

नवांकुर की मम्मी ने कहा कि अरे तुझे कुछ नहीं हुआ। अलग थलग मत रह। इतने दिन बाद घर का खाना मिलेगा तुझे, आजा किचिन में... मैं गरम गरम् परोस दूं।

नवांकुर ने मना कर दिया।

अगली सुबह मम्मी ने फिर वही बात कही। इस बार नवांकुर को गुस्सा आ गया। उसने मम्मी को चिल्ला दिया। मम्मी की आंख में आंसू झलक आये। मम्मी बुरा मान गयीं।

नवांकुर ने सबसे अलग थलग रहना चालू रखा।

6-7वें दिन नवांकुर को बुखार सर्दी खांसी जैसे लक्षण आने लगे। नवांकुर ने हेल्पलाइन पर फोन लगाया। कोरोना टेस्ट किया गया। वह पॉजिटिव निकला।
उसके घर वालों का भी टेस्ट किया गया। वह सभी नेगेटिव निकले।
पड़ोस की 1 किमी की परिधि में सबसे पूछताछ की गई। ऐसे सब लोगों का टेस्ट भी किया गया। सबने कहा कि नवांकुर को किसी ने घर से बाहर निकलते नही देखा। 
चूंकि उसने अपने आप को अच्छे से आइसोलेट किया था इसीलिए उसने किसी और को कोरोना नहीं फैलाया।
नवांकुर जवान था। कोरोना के लक्षण बहुत मामूली थे। बस बुखार सर्दी खांसी बदन दर्द आदि हुआ। 7 दिन के ट्रीटमेंट के बाद वह बिल्कुल ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी पाकर घर आ गया।

जो मम्मी कल बुरा मान गईं थीं, वो आज शुक्र मना रहीं हैं कि घर भर को कोरोना नहीं हुआ।


यह पहली स्टेज जहां सिर्फ विदेश से आये आदमी में कोरोना है। उसने किसी दूसरे को यह नहीं दिया।
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स्टेज 2-  राजू में कोरोना पॉजिटिव निकला।
उससे उसकी पिछले दिनों की सारी जानकारी पूछी गई। उस जानकारी से पता चला कि वह विदेश नहीं गया था। पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है। वह परसों गहने खरीदने के लिए एक ज्वेलर्स पर गया था। वहां के सेठजी हाल ही में विदेश घूमकर लौटे थे।


सेठजी विदेश से घूमकर आये थे।उनको एयरपोर्ट पर बुखार नहीं था। इसी कारण उनको घर जाने दिया गया। पर उनसे शपथ पत्र भरवा लिया गया, कि वह अगले 14 दिन एकदम अकेले रहेंगे और घर से बाहर नहीं निकलेंगे। घर वालों से भी दूर रहेंगे।
विदेश से आये इस गंवार सेठ  ने एयरपोर्ट पर भरे गए उस शपथ पत्र की धज्जियां उड़ाईं।
घर में वह सबसे मिला।
शाम को अपनी पसंदीदा सब्जी खाई।
और अगले दिन अपनी ज्वेलेरी दुकान पर जा बैठा। (पागल हो क्या! सीजन का टेम है, लाखों की बिक्री है, ज्वेलर साब अपनी दुकान बंद थोड़े न करेंगे)

6वें दिन ज्वेलर को बुखार आया। उसके घर वालों को भी बुखार आया। घर वालों में बूढ़ी मां भी थी।
सबकी जांच हुई। जांच में सब पॉजिटिव निकले।

यानि विदेश से आया आदमी खुद पॉजिटिव।
फिर उसने घर वालों को भी पॉजिटिव कर दिया।

इसके अलावा वह दुकान में 450 लोगों के सम्पर्क में आया। जैसे नौकर चाकर, ग्राहक आदि।
उनमें से एक ग्राहक राजू था।


सब 450 लोगों का चेकअप हो रहा है। अगर उनमें किसी में पॉजिटिव आया तो भी यह सेकंड स्टेज है।

डर यह है कि इन 450 में से हर आदमी न जाने कहाँ कहाँ गया होगा। 


कुल मिलाकर स्टेज 2 यानी कि जिस आदमी में कोरोना पोजिटिव आया है, वह विदेश नहीं गया था। पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है। 
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स्टेज 3

रामसिंग को सर्दी खांसी बुखार की वजह से अस्पताल में भर्ती किया, वहां उसका कोरोना पॉजिटिव आया। 
पर रामसिंग न तो कभी विदेश गया था।
न ही वह किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है। 

यानि हमें अब वह स्रोत नहीं पता कि रामसिंग को कोरोना आखिर लगा कहाँ से??

स्टेज 1 में आदमी खुद विदेश से आया था।

स्टेज 2 में पता था कि स्रोत सेठजी हैं। हमने सेठजी और उनके सम्पर्क में आये हर आदमी का टेस्ट किया और उनको 14 दिन के लिए अलग थलग कर दिया।


स्टेज 3 में आपको स्रोत ही नहीं पता।

 स्रोत नहीं पता तो हम स्रोत को पकड़ नहीं सकते। उसको अलग थलग नहीं कर सकते।
वह स्रोत न जाने कहाँ होगा और अनजाने में ही कितने सारे लोगों को इन्फेक्ट कर देगा।

*स्टेज 3 बनेगी कैसे?*

सेठजी जिन 450 लोगों के सम्पर्क में आये। जैसे ही सेठजी के पॉजिटिव होने की खबर फैली, तो उनके सभी ग्राहक,नौकर नौकरानी, घर के पड़ोसी, दुकान के पड़ोसी, दूध वाला, बर्तन वाली, चाय वाला....सब अस्पताल को दौड़े। 
सब लोग कुल मिलाकर 440 थे।
10 लोग अभी भी नहीं मिले।
पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम उनको ढूंढ रही है।
उन 10 में से अगर कोई किसी मंदिर आदि में घुस गया तब तो यह वायरस खूब फैलेगा।
यही स्टेज 3 है जहां आपको स्रोत नहीं पता।


*स्टेज 3 का उपाय*
14 दिन का lockdown
कर्फ्यू लगा दो।
शहर को 14 दिन एकदम तालाबंदी कर दो।
किसी को बाहर न निकलने दो।

इस तालाबंदी से क्या होगा??

हर आदमी घर में बंद है।
जो आदमी किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में नहीं आया है तो वह सुरक्षित है।
जो अज्ञात स्रोत है, वह भी अपने घर में बंद है। जब वह बीमार पड़ेगा, तो वह अस्पताल में पहुंचेगा। और हमें पता चल जाएगा कि अज्ञात स्रोत यही है।

हो सकता है कि इस अज्ञात श्रोत ने अपने घर के 4 लोग और संक्रमित कर दिए हैं, पर बाकी का पूरा शहर बच गया।

अगर LOCKDOWN न होता। तो वह स्रोत पकड़ में नहीं आता। और वह ऐसे हजारों लोगों में कोरोना फैला देता। फिर यह हजार अज्ञात लोग लाखों में इसको फैला देते। इसीलिए lockdown से पूरा शहर बच गया और अज्ञात स्रोत पकड़ में आ गया।

*क्या करें कि स्टेज 2, स्टेज 3 में न बदले।*
Early lockdown यानी स्टेज 3 आने से पहले ही तालाबन्दी कर दो।
यह lockdown 14 दिन से कम का होगा।

उदाहरण के लिए
सेठजी एयरपोर्ट से निकले
उनने धज्जियां उड़ाईं।
घर भर को कोरोना दे दिया।
सुबह उठकर दुकान खोलने गए।
(गजब आदमी हो यार! सीजन का टेम है, लाखों की बिक्री है, अपनी दुकान बंद कैसें कर लें)

पर चूंकि तालाबंदी है।
तो पुलिस वाले सेठजी की तरफ डंडा लेकर दौड़े।
डंडा देख सेठजी शटर लटकाकर भागे।

अब चूंकि मार्किट बन्द है।
तो 450 ग्राहक भी नहीं आये।
सभी बच गए।
राजू भी बच गया।
बस सेठजी के परिवार को कोरोना हुआ।
6वें 7वें दिन तक कोरोना के लक्षण आ जाते हैं। विदेश से लौटे लोगों में लक्षण आ जाये तो उनको अस्पताल पहुंचा दिया जायेगा। और नहीं आये तो इसका मतलब वो कोरोना नेगेटिव हैं।