Monday 6 August 2018

इन लोगों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए बैंगन का सेवन, वरना…



बैंगन एक सदाबहार सब्जी है। इसमें एंटी-एंटीआॅक्सीडेंट, कई तरह के विटामिन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, सोडियम, कॉपर, पोटेशियम, मैगनीज, जिंक आदि तत्व पाए जाते हैं। वैसे तो इसका सेवन कई मायनों में लाभदायक माना गया है। लेकिन वहीं कई बार इसके सेवन से आपको काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है। खासतौर से, कुछ लोगों को तो इससे परहेज ही करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-
बैंगन आपके शरीर में लौह तत्व को कम करता है और इससे एनीमिक होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। इसलिए महिलाओं को माहवारी के समय या फिर नकसीर या खुनी बवासीर की समस्या से ग्रस्त और अक्सर रक्तदान करने वाले व्यक्ति को बैगन को सेवन जरा संभलकर करना चाहिए।
बैंगन में नेनुसिन नामक तत्व पाया जाता है जो रक्तवाहिकाओं के बनने में बाधा उत्पन्न करता है। इसलिए गर्भवती स्त्री के लिए भी बैंगन का सेवन उचित नहीं माना जाता क्योंकि इसका विपरीत असर उसके गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है।
जिन लोगों को किडनी में पथरी की शिकायत है, उन्हें भी बैंगन से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। दरअसल, इसमें ओक्जेलेट पाया जाता है, जो इनकी समस्या को बढ़ा सकता है। वहीं ओक्जेलेट शरीर में कैल्शियम के अवशोषण पर विपरीत प्रभाव डालता है, जिसके कारण आपकी हड्डी और दांत कमजोर हो सकते हैं।

Thursday 2 August 2018

बहुत तेजी से फ़ैल रही हैं ये खतरनाक बीमारी

बदलती हुई जीवनशैली व बिगड़े हुए खान पान के चलते आजकल कई सारी बिमारियां होंने लगी हैं। समयअभाव के कारण लोग अपने खाने के लिए समय ही नहीं निकाल पाते हैं। और ना ही अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कोई व्यायाम कर पाते हैं। परिणामस्वरूप कई सारी बिमारियां अपने सामने होती हैं।


आज कल शारीरिक मेहनत की कमीं के चलते वेरिकोज वेंस नामक बिमारी बहुत तैजी से फैल रही हैं,
शुरुआत में यह बिमारी को बड़ी समस्या नहीं होती, लेकिन अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो आगे चलकर यह बड़ी परेशानी का कारण बन सकती हैं। यह बिमारी अधिकतर एक ही जगह पर खड़े रहने वाले लोगों में ज्यादा देखने को मिली हैं। क्योंकि निरंतर रूप से एक ही जगह पर अधिक समय तक खड़ा रहने से हमारे पैरों की नसों मे रक्त का संचार रूक जाता हैं। जिसकी वजह से हमारी नसों में सूजन आ जाती हें।


और इनमें कई बार इतना अधिक खून का प्रेशर आ जाता है कि यह उभर कर बाहर दिखाई देने लगती हैं। आपने कई बार अपने आसपास लोगों के लोगों मे इस तरह की बिमारी को देखा होगा। इस बिमारी से बचने के लिए एक जगह खड़े रहने के बजाय इधर उधर टहलना चाहिए। वहीं कई बार सामने आया है कि नमक का अधिक सेवन करने वाले लोगों में भी इस बिमारी के लक्षण दिखाई देते हैं।
चिकित्सकों का मानना हैं कि नमक के अधिक सेवन से हमारी नसें फैलने लगती हैं. जो कई बार त्वचा के बाहर से भी दिखाई देने लगती हैं। इस तरह की बिमारी से बचने के लिए नमक का कम प्रयोग करे। साथ ही एक अपने काम के दौरान थोड़ा इधर उधर टहले। इससे हमारा रक्त संचरण सही रहेगा। औऱ काफी हद तक इस बिमारी से बी बचे रहेंगे।

Wednesday 1 August 2018

दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी है ये, खाएंगे तो कभी नहीं होंगी ये बीमारियां

नई दिल्ली। यहां आपको एक ऐसी सब्जी के बारे में बताने जा रहे हैं जो दुनिया की सबसे ताकतवर औषधि के रूप में जानी जाती है। इस सब्जी में इतनी ताकत होती है कि इसका कुछ दिन ही सेवन करें तो आपका शरीर फौलादी हो जाएगा। इस सब्जी का नाम कंटोला जो कि ककोड़े और मीठा करेला के नाम से भी जानी जाती है। यदि आप अपने भोजन में अनेक तत्वों व फाइबर से भरपूर ककोड़े यानी मीठा करेला को शामिल करते हैं तो सेहतमंद बने रह सकते हैं।
यह सब्जी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ प्रोटीन से भरपूर होती है। इसे रोज खाएंगे तो आपका शरीर ताकतवर बन जाएगा। इस सब्जी के लिए यह भी कहा जाता है कि इसमें मीट से 50 गुना ज्यादा ताकत और प्रोटीन पाए जाते हैं। कंटोल में मौजूद फाइटोकेमिकल्स स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में काफी मदद करता है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर सब्जी है। यह शरीर को साफ रखने में भी काफी सहायक है।
बता दें कि कंटोला आमतौर पर मानसून के मौसम में भारतीय बाजारों में देखा जाता है। इसमें कई स्वास्थ्य लाभ है जिसकी वजह से इसकी खेती दुनियाभर में शुरू हो गई है। इसकी मुख्य रूप से भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में खेती की जाती है।
यहां जानिए इसके स्वास्थ्य लाभ:
बीपी:
कंटोला में मौजूद मोमोरडीसिन तत्व व फाइबर की अधिक मात्रा शरीर के लिए रामबाण हैं। मोमोरेडीसिन तत्व एंटीऑक्सीडेंट, एंटीडायबिटीज और एंटीस्टे्रस की तरह काम करता है और वजन व हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है।
पाचन क्रिया:
अगर आप इसकी सब्जी नहीं खाना चाहते तो अचार बनाकर भी सेवन कर सकते हैं। आयुर्वेद में कई रोगों के इलाज के लिए इसे औषधि के रूप में प्रयोग करते हैं। यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।