Friday 22 November 2019

सिंघाड़ा खाने से स्त्रियों को मिलते है ये बड़े फायदें

सर्दियों में मिलने वाला फल सिंघारा स्वास्थ्य का खजाना हैयह फल मीठा व बेहद टेस्‍टी होता है जिसे कच्‍चा, उबालकर या भूनकर खाया जा सकता है. इसमें विटामिन ए, सी के अतिरिक्त फॉस्‍फोरस, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, सिट्रिक एसिड व आयोडीन भरपूर मात्रा में होता है. जी हां यह सर्दियों का फल आपकी हेल्‍थ के लिए बहुत लाभकारी होता है. व्रत के दौरान इस फल को बहुत ज्‍यादा खाया जाता है, खासतौर पर नवरात्रि व्रत में. यह आपको वेट लॉस करने, एनर्जी को पाने व खूबसूरती को बढ़ाने में भी हेल्‍प करता है. सिंघाड़ा स्त्रियों की हेल्‍थ के लिए बेहद लाभकारी होता है. आइए जानें कि सिंघाड़ा खाने से स्त्रियों को क्‍या-क्‍या फायदे हो सकते है.
एंटीऑक्सीडेंट व मिनरल से भरपूर:चूंकि इस फल में कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा बिल्‍कुल भी नहीं होती है व यह आवश्यक पोषक तत्वों व विटामिन से भरपूर होता है, इसलिए इसका आटा भी एंटीऑक्सीडेंट व मिनरल से भरपूर होता हैं. इसके आटे में विटामिन बी 6,पोटेशियम(प्रति आधा कप में 350 से 360 मिलीग्राम), आयोडीन, कॉपर, राइबोफ्लेविन व मैंगनीज बहुत अधिक मात्रा होता है. इसलिए अगर आप सिंघाड़ा नहीं खाना चाहती हैं तो इसका आटे का इस्‍तेमाल कर सकती हैं.
ग्लूटेन फ्री:क्या आप जानते हैं कि सिंघारा आटाग्‍लूटेन फ्रीहै? जिसका मतलब है कि यह सीलिएक बीमारी को आपसे दूर रखता है. जी हां यह बीमारी आयु भर चलने वाली बीमारी है, जिसमें आपका इम्‍यून सिस्‍टम ग्‍लूटेन जैसे गेहूं, जौ व राई में पाए जाने वाले प्रोटीन के प्रति रिएक्शन करता है. इससे बचने का सिर्फ एक रास्‍ता है कि आप जीवन-भर ग्‍लूटेन फ्री डाइट लें व सिंघाड़े के आटे में ग्‍लूटेन नहीं होता है.
बॉडी में वॉटर रिटेंशन:सिंघारा पोटेशियम से भरपूर होता है लेकिन इसमेंसोडियमकी मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए बॉडी में वॉटर रिटेंशन का मुकाबला करने में हमारी हेल्‍प करने वाला एक शानदार स्रोत है.
एनर्जी से भरपूर:सिंघाड़े का आटे में गुड कार्बोहाइड्रेट होते हैं व साथ ही यहएनर्जी को बढ़ानेमें भी हेल्‍प करता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि इसमें जिंक, आयरन, कैल्शियम व फॉस्‍फोरस जैसे पोषक तत्‍व होते हैं. व्रत के दौरान, लोग कुछ भी बनाने के लिए इसी आटे का इस्‍तेमाल करते हैं. जी हां व्रत के दौरान एनर्जी का लेवल कम हो जाता है, लेकिन इस आटे को खाने से आप एनर्जी से भरपूर बने रहते हैं.

No comments:

Post a Comment