Monday 30 September 2019

फेस पर जमी गंदगी निकालने के लिए महिलाएं करें ये काम

जिस तरह फेस पर जमी गंदगी निकालने के लिए महिलाएं फेशियल कराती हैं उसी तरह स्किन के डैड सैल्स निकालने के लिए वो ब्लीच का सहारा लेती हैं। इसे यूज करने से चेहरा साफ और चमकदार तो हो जाता है पर इससे हमारी त्वचा पर खराब असर पड़ता हैं। कई बार ब्लीच करने से आपके चेहरे पर दाने हो जाते हैं तो कभी रैशेज पड़ जाते हैं।
इन चीजों का करें इस्तेमाल:
# पपीता: पपीते का रस या फिर उसको मैश करके आप रोजाना अपने चेहरे पर लगाएं और गुनगुने पानी से मुंह धो ले, ये प्रक्रिया रोज करें इससे आपका चेहरा साफ और ग्लो करेगा।
# आलू: आलू के रस को शहद में मिक्स करके चेहरे पर लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ दे और फिर ठंडे पानी से अपना चेहरा धो ले। ये प्रक्रिया हर दूसरे दिन करें इससे आपकी त्वचा हमेशा चमकती रहेगी।
# नींबू: नीबू एक नेचुरल ब्लीच के तौर पर जाना जाता हैं क्योंकि ये ब्लीचींग एजेंट से भरपूर होता हैं। आप रात को सोने से पहले नींबू का रस रोजाना लगाएं। इसे लगाने से अलग ही निखार आता हैं।
# टमाटर: टमाटर खाने के और लगाने के कई फायदे हैं, आप टमाटर का रस लें और इसे हल्के हाथों से चेहरे पर मसाज करें और नॉर्मल पानी से धो लें। आप थोड़े-थोड़े अंतराल में इसे लगाइए आपको असर खुद नजर आएगा।
# दही: इसमें लैक्टिक एसिड भी होता हैं जो त्वचा को निखारने में काम आता हैं। थोड़ी मात्रा में दही लेकर अपने चेहरे पर रगड़े इससे आपकी स्किन ब्लीच तो होगी ही साथ ही सॉफ्ट हो जाएगी।

Sunday 29 September 2019

क्या आपके कान में भी आती है सीटी जैसी आवाज? तो हो सकती है ये बीमारी

क्या आपके कानों में बगैर किसी कारण के कोई आवाज गूंजती है? अगर आपका जवाब हां में है, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह कोई आम समस्या नहीं है। यह टिनिटस नामक बीमारी हो सकती है। इसे रक्तवाहिनियों की समस्या या उम्र के साथ सुनने की शक्ति क्षीण होने से जोड़कर देखा जा सकता है। टि‍निटस की समस्या में कानों के अंदर बिना किसी कारण आवाज गूंजती है। लेकिन इसका उपचार भी किया जा सकता है।
आइए, जानें टिनिटस के लक्षण :
कानों में सि‍सकारी, दहाड़ जैसी आवाजें, कानों का बजना एवं आवाज का कानों में गूंजते रहना, टिनिटस के प्रमुख लक्षणों में शामिल है। यह आवाजें समस्या की गंभीरता के अनुसार कम या ज्यादा तीव्रता लिए होती हैं। आवाज का गूंजना एक या दोनों कानों में भी हो सकता है। इसके अलावा यह समस्या कुछ दिनों तक या लंबे समय तक रह सकती है।

टिनिटस के प्रकार :
1 ज्यादातर लोगों को जो समस्या होती है, उसमें कान के अंदरूनी, बाहरी या बीच के भाग में परेशानी होती है। सुनने की क्षमता के लिए जिम्मेदार नसों में किसी प्रकार की समस्या का होना व्यक्तिपरक टिनिटस कहलाता है।
2 वहीं टिनिटस का एक और भी प्रकार है, जो कि वस्तुपरक होता है। इसका कारण यह है, कि यह केवल डॉक्टर द्वारा तकनीकी जांच में ही सामने आता है। इस तरह के टिनिटस में खून की धमनियों में समस्या होती है। यह काफी कम लोगों में देखने को मिलता है।
टिनिटस होने के ये कारण हो सकते हैं -

1 तेज आवाजों के संपर्क में आने के कारण यह समस्या पैदा हो सकती है। किसी फैक्ट्री या साउंड उपकरणों का शोर टिनिटस कर समस्या पैदा कर सकता है।
2 कान में वैक्स इकट्टा होना भी इसका एक कारण है। कभी कभी हमारे कानों में अतिरिक्त मात्रा में मोम जम जाता है, जो टिनिटस की समस्या को जन्म दे सकता है।
3 कान की हड्डी का बढ़ना भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकता है, इससे सुनने की क्षमता पर विपरीत असर पड़ता है। ऐसा लगने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

4 कई बार उम्र बढ़ने के साथ सुनने की क्षमता क्षीण होने लगती है। यह भी टिनिटस की समस्या हो सकती है। साठ साल की उम्र के बाद इस समस्या का खतरा अधि‍क होता है।
जानिए, टिनिटस का उपचार-
1 कान को समय-समय पर साफ करते रहें। अगर आपके कान में काफी मोम जम गया है तो इसे निकालना बहुत जरूरी है इस बात का ध्यान रखें। इसके लिए सुरक्ष‍ित साधनों का प्रयोग करें।
2 अत्यधिक शोर वाले स्थान से दूरी बनाएं रखें। यह आपकी श्रवण क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करता है।

3 आप चाहें तो कानों को ढंकने के लिए मास्क का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे शोर शराबे से सुरक्ष‍ित रह सकें।
4 कुछ ऐसे यंत्रों का प्रयोग किया जा सकता है, जो पर्यावरण संबंधी आवाजों के स्त्रोत होते हैं। इस तरह की चीजें कानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होती हैं।
5 कई बार दवाईयों के साइड इफेट्स के रूप में टिनिटस की समस्या सामने आती है। इसलिए दवाईयों को डॉक्टरी परामर्शानुसार बदलते रहें। बीमारी का अंदेशा होने पर चिकित्सक से संपर्क करके परमर्शानुसार इलाज करें।

सोते समय नाभि में डालिए सरसों का तेल, हमेशा के लिए जड़ से खत्म हो जाएंगे यह 2 रोग, जानिए

, दोस्तों जन्म से पहले गर्भावस्था के दौरान हर जीव के भरण पोषण की पूर्ति नाभि से जुड़ी नाल सो ही होती है। इसलिए नाभि को हमारे शरीर का सबसे अहम हिस्सा माना जाता है क्योंकि नाभि हमारे शरीर के हर हिस्से से जुड़ा हुआ होता है आपको बता दें कि नाभि के द्वारा कई सारे रोगों को जड़ से खत्म किया जा सकता है। हम बचनपने से सुनते आ रहै है कि नाभि से हमारा शारा शरीर कनेक्ट रहता है।
दोस्तों शरीर के कई सारे रोगों को हम छोटा सा उपाय करके खत्म कर सकते है इसके लिए हमें हमारी नाभि में सोनें से पहसे सरसों को तेल लगाना होगा। वैसे भी आज के समय मे लोगों के पास अपने लिए समय ही नहीं है। जिसकी वजह से शरीर की देखभाल नहीं हो पाती है। यहां वजह है उम्र के साथ साथ तेजी से शरीर के ज्वाइंट दर्द करने लगते हैं। इस परेशानी को जॉइंट पेन कहा जाता है। दोस्तों बता दें कि अगर नियमति रूप से नाभि पर सोने से पहले तेल लगाया जाए तो ज्वाइंट पेने की समस्या से दूर रहा जा सकता है।
वहीं दूसरी सबसे बड़ी बीमारी आजकल अनिद्रा की है लोगों को तनाव की वजह से नींद ही नहीं आती है। जिससे लोग रातभर जागते रहते है। जिससे इंसान कई सारी बीमारियों की चपेट मे आ जाता है। जिसमें से एक अनिद्रा की भी बीमारी है। इस बीमारी के बाद लोग सोनें का काफी प्रयास करते है लेकिन उनको नींद नहीं आती है।
बता दें कि इस बीमारी से छुटकारा पाने का आसान सा उपाय है सोने से पहले नाभि में तेल लगाना। दोस्तों अगर नियमित रूपसे नाभि में तेल लगाकर सोए तो इस परेशानी से जल्दी ही छुटकरा पाया जा सकता ह।

Friday 27 September 2019

तुलसी से बना फेस पैक बनाएगा आपकी त्वचा को सुन्दर

तुलसी एक आयुर्वेदिक औषधि है इसमें अनेको पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर की बीमारियों से निजात दिलाते हैं। तुलसी के पत्ते केवल सेहत को सही करने में इस्तेमाल नहीं किए जाते ये सौंदर्यवर्धक भी होते है| इसको लगाने से स्किन पर निखार पाया जा सकता है।
तुलसी की पत्तियों को पीस में और फिर उसमें हल्का सा दूध मिला लें। अब इस मिश्रण को अच्छे से मिक्स कर के अपनी स्किन पर लगाएं | थोड़ी देर बाद स्किन को पानी से वॉश कर लें। स्किन चमक उठेगी|
तुलसी की पत्तियों को नीम के साथ मिक्सी में पीस लें। फिर इस मिश्रण में थोड़ा सा चन्दन पाउडर और गुलाब जल मिला लें। इस फेस पैक को 20 मिनट तक स्किन पर लगाएं| फिर पानी से वॉश कर लें। एक्ने ठीक हो जाएगा।
तुलसी और टमाटर को ग्राइंडर में पीस लें और इसे अच्छे से मिक्स कर लें| अब इस पैक को अपने दाग धब्बों पर करीब 20 मिनट के लिए लगाएं| फिर फेस धो लें|
तुलसी के फेस पैक को लगाने से आप ड्राई त्वचा को नार्मल स्किन में आसानी में बदल सकते हैं। ये फेस पैक स्किन को सॉफ्ट बना देता है|
ऑयली स्किन से छुटकारा दिलाने में तुलसी का फेस पैक बहुत फायदेमंद होता है| इसको लगाने से पिम्पल्स, ब्लैक हेड्स, वाइट हेड्स दूर हो जाते हैं| इसको आप मुल्तानी मिट्टी, गुलाब जल के साथ भी यूज़ कर सकते हैं|

Thursday 26 September 2019

जिन लोगों के हाथ-पैर झुनझुनाहट के कारण सुन्न हो जाते हैं वे इस खबर को जरूर पढ़ें नहीं तो हो सकती है देर

दोस्तों हमने कई लोगों के मुंह से सुना है कि लोगों को हाथों और पैरों में झुनझुनाहट होती है साथ ही उनके हाथ पैर सुन्न भी ह जाते हैं। बता दें कि यह झनझनाहट होकर सुन्न होंने वाली बीमारी बैहद खतरनाक है। इसे बीमारी को कभी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। नहीं तो आपको भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जब भी आपको इस तरह की परेशानी हो तो तुरंत चिकित्सक  से परामर्श लेना चाहिए।
दोस्तों यह अपने आप में कोई बीमारी नहीं है लेकिन इसकी वजह से कई सारी परेशानिया हो सकती है। इस तरह का होना शरीर मे पोषक तत्वों की कमीं होनें का संकेत है. इसलिए अपने खाने में इस तरह की चीजों का समावेश करना चाहिए जिससे पोषक तत्वों की कमीं पूही हो सके। इसके लिए नियमित खाने में मैग्नीशियम से भरपूर सब्जियों और  फलों का सेवन करना चाहिए।
साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियां , सूखे मेवे , अलसी के बीज , काजू के बीज , जौ का दलिया , पनीर , ठंडे पानी की मछलियां , सोयाबीन , चॉकलेट जैसी चीजों के सेवन से बहुत फायदा होता हैं। दोस्तो इसी के साथ नियमति रूप से अपनी दिनचर्या मे व्यायाम को शामिल करे. साथ ही वह व्यायाम अधिक करे जिससे पैरों के कसरत अधिक हो सके।
लगातार ऐसा करने से आपको इस परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा और आप एक अच्छा जीवन व्यतित करने लगेंगे। दोस्तों इस बीमारी के होनें पर हमारे शरीर मे खून ब्लोक होनों लगता है कई सारी नसें अवरूद्ध हो जाती है जिसकी वजह से हाथ पैर सुन्न होनें लगते है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है तो बिना देरी किए चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

Wednesday 25 September 2019

घरेलू उपायों से कर सकते हैं अपनी सालों पुरानी इस बीमारी का इलाज

सर्वाइकल स्पांडलाइसिस (Cervical Spondolysis) उम्र बढ़ने के साथ गर्दन के जोड़ की हड्डी-उपास्थि के घिसने के कारण होती है। यह गर्दन के हड्डी के डिस्क पलटने, लिगामेंट में फ्रैक्चर से भी हो सकता है। इसमें काफी असहनीय दर्द और पीड़ा होती है। गर्दन काफी भारी और कड़ा महसूस होने लगता है। कंधे से लेकर गर्दन और सिर तक में दर्द होती है।
बांहों की मांसपेशियों से लेकर हाथों की उंगलियों तक में दर्द की संवेदनशीलता महसूस की जाती है। 60 के बाद यह किसी को भी हो सकता है। हालांकि खराब जीवनशैली, बैठने-खड़ा होने के गलत पोस्चर और अनुवांशिक कारणों से यह कभी भी अटैक कर सकता है। आइए जानते हैं स्पांडलाइसिस से लड़ने के घरेलू इलाज।
नियमित व्यायाम
अगर आप नियमित रुप से गर्दन और बांह की कसरत करते रहें तो स्पांडलाइसिस के दर्द से आऱाम मिलेगा। अपने सिर को दाएं-बांए और उपर-नीचे घुमाते रहें। अपने गर्दन को दाएं और बांए कंधे पर बारी-बारी से झुकाएं। दस मिनट तक यह व्यायाम रोजाना 2 से 3 बार करें। काफी आराम मिलेगा। आप हल्के एरोबिक्स जैसे स्वीमिंग भी आधे घंटे तक रोज कर सकते हैं, इससे गर्दन की स्पांडलाइसिस में आराम मिलेगा।
गर्म और ठंडे पानी की पट्टी
गर्दन के प्रभावित क्षेत्र जहां दर्द हो और कड़ापन महसूस होता हो वहां पहले गर्म पानी और बाद में ठंडे पानी की पट्टी से दबाव डालें। गर्म पानी की पट्टी से ब्लड सर्कुलेशन तेज होगा और मांसपेशियों का खिंचाव कम होगा और दर्द से राहत मिलेगी। ठंडे पानी की पट्टी से सूजन कम होगा। गर्म पानी की पट्टी 2 से 3 मिनट तक रखें और ठंडे पानी की पट्टी 1 मिनट। इसे 15 मिनट पर दोबारा करें।
सेंधा नमक की पट्टी या स्नान
नियमित रुप से सेंधा नमक की पट्टी या इससे स्नान करने से स्पांडलाइसिस के दर्द में काफी आराम मिलता है। सेंधा नमक में मैग्नीशियम की मात्रा ज्यादा होने से यह शरीर के पीएच स्तर को नियंत्रित करता है और गर्दन की अकड़ और कड़ेपन को कम करता है। आधे ग्लास पानी में दो चम्मच सेंधा नमक मिला कर पेस्ट बना लें और उसे गर्दन के प्रभावित क्षेत्र में लगाएं, थोड़ी देर के बाद काफी राहत मिलेगी। या गुनगुने पानी में दो कप सेंधा नमक डाल कर रोजाना स्नान करें, काफी फायदा मिलेगा।
लहसुन
लहसुन में दर्द निवारक गुण होता है और यह सूजन को भी कम करता है। सुबह खाली पेट पानी के साथ कच्चा लहसुन नियमित खाएं, काफी फायदा होगा। तेल में लहसुन को पका कर गर्दन में मालिश भी किया जा सकता है, इससे दर्द में काफी राहत मिलेगी।
हल्दी
हल्दी असहनीय दर्द को चूसने में सबसे कारगर साबित हुई है। इतना ही नहीं यह मांसपेशियों के खिचांव को भी ठीक करता है। एक ग्लास गुनगुने दूध में एक चम्मच हल्दी डाल कर पीएं, दर्द से निजात मिलेगी और गर्दन की अकड़ भी कम होगी।
तिल के बीज
तिल में कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैगनीज, विटामिन के और डी काफी मात्रा में पाई जाती है जो हमारे हड्डी और मांसपेशियों के सेहत के लिए काफी जरुरी है। स्पांडलाइसिस के दर्द में भी तिल काफी कारगर है। तिल के गर्म तेल से गर्दन की हल्की मालिश 5 से 10 मिनट तक करें, फिर वहां गर्म पानी की पट्टी डालें, काफी आराम मिलेगा और गर्दन की अकड़ भी कम होगी।
और भी हैं कई टिप्स
* सुबह शाम भोजन के बाद थोड़ी मात्रा में हरीताकी खाएं, दर्द से निजात मिलेगी और गर्दन की अकड़ कम होगी।
*शारीरिक श्रम कम करें या इससे परहेज ही कर लें। भारी सामान एकदम नहीं उठाएं
*रात में चैन की नींद सोने का प्रयास करें।
*हमेशा हल्के और मुलायम तकिए पर सोएं, तकिए को बदलें नहीं।
*सही पोस्चर में बैठे और खड़ा रहें।
*तला-भुना और मसालेदार खानों से परहेज करें।
*सलाद और हरी सब्जी का सेवन ज्यादा करें।
*शराब और धूम्रपान को बाय-बाय करें।
*प्रोटीन, विटामिन सी, कैल्शियम और फास्फोरस जिसमें ज्यादा हो वैसे ही भोजन करें।
*सर्वाइकल कॉलर गर्दन में लगा कर ऑफिस या दुकान जाएं

15 दिन में चेहरे पर ग्लो चाहिए, तो ये 5 चीजें अपनाएं

सर्दियाँ  जारी है और हम सर्दी से परेशान हो कर गर्माहट की तलाश में धूप की और भाग जाते हैं जो हमारे लिए परेशानी खड़ी कर देता है । अब इंसान करे भी तो क्या करे ? ठंडी सहन करे या फिर धूप के कारण  हो रहे साइड इफ़ेक्ट्स को झेले । सर्दियाँ आते ही स्किन की प्रोब्लम्स कम नही होती बल्कि और भी बढ़ जाती है । कभी पिंपल्स कभी स्किन डलनेस , कभी रंगत का फीका पड़ जाना , त्वचा का रूखापन और भी कई सारी चीज़ें होने लगती है ।
आज हम बात कर रहे हैं हमारी खूबसूरत त्वचा की जो सर्दियों के कारण अपनी  रंगत खो चुकी और काफी डल हो गई है । लड़के हों लड़कियां हो दोनों की परेशानी बराबर सी ही है । अब तक तो फिर भी हमारी परेशानी इतनी बढ़ी हुई नही थी क्योंकि कहीं आने जाने के नाम पर सिर्फ कुछ पार्टीज़ ही थी जिनमें हम खुद को या तो ढांक लेते थे या फिर पार्लर का सहारा ले कर काम चल जाता था । पर अब शादियाँ शुरू हो गई है और हर किसी के घर परिवार , रिश्तेदार , दोस्तों में शादी होगी ही और रोज रोज किसी भी फंक्शन  के लिए आप खूब सारा पैसा और समय तो खर्च भी नही कर सकते तो ऐसे में क्या करें ? इसी इतनी बड़ी सारी परेशानी का हम आज छोटा सा हल आपके लिए लेकर आए हैं । आइये जानते हैं कैसे आप मात्र कुछ दिनों में अपनी त्वचा की खोई हुई रंगत को वापस पा सकते हैं ?
आपको करना यह है रोज या फिर कम से कम हफ्ते में 3 बार अपनी स्किन पर बादाम का तेल या विटामिन ई के केपसूल की मदद से अपनी स्किन को मालिश देनी है मात्र 10 मिनिट यह आपकी स्किन में कसावट और ग्लो लाने में बहुत सहायक होता है ।
स्किन पर ग्लो लाने ले लिए 2 चम्मच बेसन में कुछ बूंद नींबू के रस की मिला कर उसको चेहरे पर लगने से आपको बहुत ही जल्द फायदा देखने को मिलता है ।
मिल्क पाउडर में दही , ऐलोवीरा जेल और चाहें तो थोड़ा सा बेकिंग सोडा मिला कर 15 मिनिट लगा लें और उसके बाद चेहरा धो लें आपकी स्किन चमक उठेगी साथ ही आपकी रंगत भी निखार जाएगी ।
खीरा खाएं और इसको कस के इसके रस को अपने चेहरे पर भी लगाए यह आपको चमक दार अच्छी और निखरी हुई त्वचा देता है ।
पानी का सेवन और जूस का सेवन भरपूर मात्रा में करें यह आपकी स्किन को हाइड्रेट रखता है और जूस से आपकी स्किन को निखरनी में भी मदद मिलती है ।

Tuesday 24 September 2019

तेजी से पाना चाहते है मोटापा के छुटकारा तो रोजाना घर बैठे करे सिर्फ ये काम

मोटे लोगों को हृदय संबंधी रोग होने की आशंका ज़्यादा होती है। मोटापे की वजह से हमारे दिमाग को भी नुकसान पहुंच सकता है। मोटापा से कई रोग होता हैं। जैसे- हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ आदि की शुरुआत मोटापे की वजह से ही होती है। शायद इसलिए बीते कुछ वर्षों में मोटापे को बीमारी मानने वाले और इससे छुटकारा पाने की इच्छा रखने वाले लोगों की तादाद तेज़ी से बढ़ी है।
आप मोटापे से मुक्ति पाने में तभी सफल हो सकते हैं, जब आपका खाना सही हो, यानि आपकी शारीरिक ज़रूरतों के हिसाब से बनाया गया हो। आज हम आपको एक आदर्श खाना कैसे खाने का सही तरीका क्या है। नीचे दिए गए टिप्स के हिसाब से अपना खाने की सामग्री चुन ले और भोजन तैयार करने में ज़्यादा तेल का इस्तेमाल ना करें तथा घी का सेवन भी सीमित मात्रा में ही करें।
आपको 1500 कैलोरी वाले डाइट के हिसाब से खाना खाना है। वज़न घटाने में मदद करने के लिए, इस कैलोरी काउंट को कम रखा गया है और पोषक तत्वों की मात्रा ज़्यादा रखी गई हैं। सुबह एक कप मेथी का पानी ले। नाश्ता में 4 इडली, एक कप सांभर, एक चौथाई कप नारियल की चटनी, एक कप ग्रीन टी और चार बादाम ले। वहीं लांच में तीन रोटी, एक कटोरी चावल, एक कटोरी दाल, आधा कटोरी मिक्स सब्ज़ी या चिकन की करी और एक कटोरी सलाद और खाने के दस से पंद्रह मिनट बाद एक कप छाछ ले। वही शाम को तीन रोटी, आधा कटोरी सब्ज़ी/चने की सब्ज़ी/मछली की करी, आधा कटोरी दही और आधा कटोरी सलाद तथा सोने से पहले एक कप गरम दूध में चुटकीभर हल्दी डालकर सेवन करेंं।
आज हम आपको एक ऐसा तरीका बताएंगे, जिससे आपका मोटापा तेजी से कम होगा और आपको किसी तरह की कोई परेशानी भी नहीं होगी।
एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स के बारे में तो हर कोई जानता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर के कुछ प्वाइंट्स को दबाने से आपका मोटापा तेजी से कम होता है। वजन कम करने के लिए इन एक्यूप्रेशर टेक्नीक के जरिए आपको शरीर के कुछ प्लाइंट्स पर दवाब डालना पड़ता है, जिससे आपका मोटापा कम होता है। इनके जरिए आपकी भूख कंट्रोल होती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। तो चलिए जानते हैं मोटापा घटाने वाले इन एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स के बारे में।
कान का एक्यूप्रेशर प्वाइंट
मोटापा कम करने के लिए यर केनाल के सामने मौजूद मांसल फ्लैप हिस्से को अपनी उंगलियों की मदद से लगभग 3 मिनट तक दबाएं। रोजाना इस प्वाइंट को दबाने से आपकी भूख कंट्रोल रहेगी और आप ओवरइंटिग से बच जाएंगे। इससे आपको वजन कम करने में मदद मिलेंगी।
पैरों का एक्यूप्रेशर प्वाइंट
पैरों के टखने की हड्डी के पीछे की ओर जहां हड्डी खत्म होती हैं, वहां अपनी उंगुली और अंगूठे की मदद से लगातार 1 मिनट तक दबाएं। ऐसा रोजाना कम से कम 1 बार जरूर करें। इस प्वाइंट को दबाने से आपका डाइजेशन सिस्टम ठीक रहता है, जोकि आपके वजन को कंट्रोल करता है।
हाथों का एक्यूप्रेशर प्वाइंट
इन प्वाइंट्स को दबाने से आपका मोटापा तेजी से कम होगा। इसके लिए आप दोनों हथेलियों में अंगूठे के पास वाले हिस्से पर 2 मिनट तक प्रेशर दें। आप ऐसा ही पैरों के एक्यूप्रेशर प्लाइंट्स के साथ भी कर सकते हैं। वजन कम करने के लिए यह बहुत ही मददगार होते हैं।
पेट का एक्यूप्रेशर प्वाइंट
तेजी से मोटापा कम करने के लिए आप अपनी नाभि के निचले हिस्से पर दो-दो उंगुलियों से प्रेशर दें। इसके बाद अपनी एक उंगुली की मदद सेस पिडली की हड्डी को लगातार 1 मिनट तक दबाकर रखें। जो इस प्वाइंट को दबाने से आपका डाइजेशन सिस्टम सुधरेगा, जोकि मोटापा घटाने में मदद करता है।
कोहनी का एक्यूप्रेशर प्वाइंट
वजन कम करने के लिए कोहनी के जोड़ से अंदर की क्रीज की ओर उंगलियों को ले जाएं। इसके बाद यहां मौजूद एक्यूप्रेशर प्वाइंट पर दूसरे हाथ के अंगूठे से दबाव बनाएं और इसे 5 मिनट तक ऐसे ही दबाकर रखें। ऐसे ही दूसरे हाथ की कोहनी के साथ भी करें।

Thursday 19 September 2019

एक गिलास दूध में मिलाकर पिएं बस ये एक चीज, 70 साल तक रहेंगे जवान !

दूध पीना स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है यह तो हम सभी जानते हैं। छोटे से लेकर बड़ों तक सबको दूध का सेवन करना चाहिए। दूध बॉडी में कैल्शियम की मात्रा को पूरा करने में हमारी मदद करता है। शरीर में अगर कैल्शियम की मात्रा भरपूर होगी तो मनुष्य की हड्डियां भी मजबूत रहेंगी।
रोजाना केवल एक गिलास दूध आपको तंदरुस्त बनाये रखने में आपकी मदद कर सकता है। लेकिन दूध में अगर आप गोंद कतीरा मिलाकर पीते हैं तो इसे और भी लाभकारी माना गया है।
गोंद कतीरा को अंग्रेजी में Tragacanth Gum के नाम से जाना जाता है। यह एक वनस्पति औषधि है जिसमें न तो कोई स्वाद और न ही कोई गंध होता है। यह स्वादहीन, गंधहीन, चिपचिपा और पानी में घुलने वाला प्राकृतिक गोंद है। यह पीले और सफेद रंग में पाया जाता है।
पेड़ से निकली सूखी गोंद से तैयार किये गए इस गोंद कतीरा में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। कहते हैं कि इसे दूध में मिलाकर पीने से आप कई प्रकार की स्वास्थ्य सबंधी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। तो आईये जानते हैं दूध में गोंद कतीरा मिलाकर पीने के 5 फायदों के बारे में।

शारीरिक-मानसिक सेहत के लिए लाभकारी

अगर रोजाना दूध के साथ गोंद कतीरा मिलाकर पिया जाए तो यह आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है। यह दोनों प्रकार की क्षमताओं में इजाफा करने में सहायक होता है। इससे थकान दूर होती है।
अगर आपको कम नींद आती है या बिल्कुल नींद नहीं आती तो रात को सोते समय गर्म दूध में गोंद कतीरा मिलाकर पियें। ऐसा करने से नींद भी बेहतर आती है और आप रिलैक्स भी महसूस करते हैं।

बेहतरीन सेहत विकल्प साबित

पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाये रखने के लिए दूध में गोंद कतीरा मिलाकर पीना एक अच्छा उपाय है। इससे कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है।
दूध से आपको प्रोटीन और कैल्शियम के अलावा अन्य ज़रूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं। गोंद कतीरा हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में हमारी मदद करता है। दोनों को अगर मिला दिया जाए तो यह एक बेहतरीन सेहत विकल्प साबित हो सकता है।
दूध में गोंद कतीरा मिलाकर पीने से तनाव भी दूर रहता है। यह तनाव दूर करने का एक बेहतरीन उपाय माना जाता है। इसके अलावा हलके गुनगुने दूध में गोंद कतीरा मिलाकर पीने से प्रजनन क्षमता बढ़ती है और शुक्राणुओं की संख्या में भी वृद्धि होती है।

सिरदर्द की समस्या दूर

गोंद कतीरा में प्रोटीन और फ़ॉलिक एसिड की मात्रा धिक् होती है जो शरीर में मौजूद खून को गाढ़ा करने में हमारी मदद करता है। यह शरीर में हो रही खून की कमी को दूर करता है।
यदि आप गोंद कतीरा के साथ मेहंदी के फूल को पीसकर दूध में मिलाकर पी लेंगे तो सिरदर्द की समस्या दूर हो जायेगी।

Wednesday 11 September 2019

मुनक्का करता है एक आयुर्वेदिक दवा का काम

टरनेट डेस्क। मुनक्का सेहत के लिए लाभकारी होते हैं,इसलिए हर रोज इसका सेवन करना चाहिए। मुनक्का एक आयुर्विद दवाई का काम करता है। इसकी तासीर गर्म होती है, जिसका सेवन करने से अधिक मात्रा में लगी प्याज बूझ जाती है।
इतना ही इनका गर्मियों में भी कुछ लोग इसका सेवन करते है क्योंकि पित्त की ठीक करने का काम करता है। इसके अलाव इससे कई तरह की समस्याएं आसानी से गायब हो जाती है। चलिए आज हम आपको बताते हैं मुनक्के के लाभ के बारे में…
-इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते है, जो हमे कैंसर जैसी गंभीर रोगों से बचा कर रखते है। इसलिए हर रोज मनुक्कों का सेवन कीजिए।
-मुनक्के में बीटी कैरोटीन होता है, जो आंखों के हैल्दी बनाने में काफी फायदेमंद होता है। इसलिए रोज 5 मुनक्के का सेवन आपकी आंखों को हैल्दी बना सकता है।
-मुनक्के में ऑक्जेलिक एसिड भरपूर होता है, जो हमारे दांतों को से जुड़ी हर प्रॉबल्म का इलाज झट से कर देता है।
-हर रोज मुनक्के का सेवन करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है।
-मुनक्के में भरपूर मात्रा में फाइबर होते हैं, जो डाइजेशन को ठीक करने का कार्य करते है।
-मुनक्के में भरपूर मात्रा में पोटैशियम होता है, जो हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी कई तरह के रोगों से हमे बचाकर रखता है।
-इसमें भरपूर आयरन होता है। हर रोज 5 मुनक्के का सेवन करने से शरीर में खून की कमी पूरी हो जाती है।

Tuesday 10 September 2019

इस फल के सेवन से मजबूत होंगी हड्डियां, जानिए और भी बहुत कुछ

हर कोई अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक भोजन और फलों का सेवन करते हैं जो शरीर में मौजूद कई बीमारियों का अंत करता है। इसी तरह सभी फलों में एक है मीठा चीकू, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। इसका सेवन करने से आप कई बीमारियों से बच सकते है। चीकू में विटामिन ए, बी, सी, ई, फास्फोरस, प्रोटीन, फाइबर तथा आयरन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट फल है। इसमें ऐसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर की कई आवश्यकताओं को पूरा करते हैं और हमे स्वस्थ रखने में मददगार साबित होते है। चलिए आपको बताते है चीकू के फायदों के बारे में-
होगी आंखों की रोशनी तेज : इसमें विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है जो आंखों के लिए काफी लाभदायक होता है। चीकू का सेवन करने से आंखों की रोशनी तेज होती है।
होगी हडि्डयां मजबूत: यह हड्डियों को मजबूत करने के लिए शरीर को अतिरिक्त मात्रा में कैल्शियम, फोस्फोरस और आयरन की जरुरत पड़ती है। चीकू में यह तीनों ही पोषक तत्व होते है, जिससे कि शरीर की हडिड्यां मजबूत होती है।
किडनी पथरी: इसके बीज को पीस कर खाने से यह किडनी में होने वाले स्टोन को खत्म करता है। इसके अलावा ये किडनी की दूसरी परेशानियों को भी दूर करता है।
विषेले पदार्थों को करेगा बाहर: इसमें विटामिन ए तथा बी मौजूद होते हैं जो शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देते। इसके अलावा इसमें एंटीओक्सिडेंट व फाइबर भी होते हैं, जिससे यह शरीर के सारे विषेले पदार्थ को भी बाहर निकालता है

Monday 9 September 2019

“कंटोला” दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी हैं?

दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी, कुछ दिन खाने से ही शरीर में दिखेगा जबरदस्त चमत्कार
आजकल के दौर में जंक फूड का इतना क्रेज बढ़ चुका है कि लोग अपने शरीर को जरूरी ताकत देनी वाली सब्जी, दाल का सेवन कम ही करते हैं. लेकिन, बहुत कम लोग जानते हैं कि कुछ सबज्यिां ऐसी होती हैं, जिन्हें कुछ दिन खाने पर ही इसका फायदा मिल जाता है. ऐसी ही एक सब्जी है कंटोला. यह दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी है. इसे औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. इस सब्जी में इतनी ताकत होती है कि महज कुछ दिन के सेवन से ही आपका शरीर तंदुरुस्त बन जाता है या यूं कहें कि फौलादी बन जाता है. कंटोला को ककोड़े और मीठा करेला नाम से भी जाना जाता है
अगर आप भी अपनी रोजाना डाइट में इसे शामिल करते हैं तो दूसरे तत्वों और फाइबर की कमी को भी यह पूरी करती है. ककोड़े यानी मीठा करेला को सेहतमंद माना जाता है. आयुर्वेद में भी इसे सबसे ताकतवर सब्जी के रूप में माना गया है.
यह सब्जी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ प्रोटीन से भरपूर होती है. इसे रोज खाने से आपका शरीर ताकतवर बनता है. इसके लिए कहा जाता है कि इसमें मीट से 50 गुना ज्यादा ताकत और प्रोटीन होता है. कंटोल में मौजूद फाइटोकेमिकल्स स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में काफी मदद करता है. यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर सब्जी है. यह शरीर को साफ रखने में भी काफी सहायक है.
कंटोला आमतौर पर मॉनसून के मौसम में भारतीय बाजारों में देखा जाता है. इसमें कई स्वास्थ्य लाभ है जिसकी वजह से इसकी खेती दुनियाभर में शुरू हो गई है. इसकी मुख्य रूप से भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में खेती की जाती है.

भीगे चने के पांच चमत्कारी लाभ

इंटरनेट डेस्क। हमारी सेहत के लिए भीगे हुए चने बेहद गुणकारी होते हैं, अगर हम इनका हर रोज यूज लेंगे तो सेहत को कई चमत्कारिक लाभ मिलेंगे। भीगा हुआ चना भीगे हुए बादाम से भी अधिक गुणकारी होता है।
भीगे चने में बेहद अधिक मात्रा में प्रोटीन, नमी, फैट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और विटामिन्स होता है। भीगे चने का सेवन करने से कई रोगों से लड़ने की मदद मिलती है।
भीग हुआ चना खून को साफ करने में भी सहायता करता है,भीगा चना दिमाग तेज करने के साथ वजन कम करने में भी सहायक होता है। चलिए जानते हैं भीगे हुए चने के सेहत लाभ के बारे में…
– भीगे हुए चने चबाने से कब्ज और पेट दर्द की परेशानी से राहत मिलती है।
-मोटापा कम करने भी भीगा चना खाना गुणकारी होता है।
-अगर आप भीगे हुए काले चने का सेवन करेंगे तो इससे हमारे शरीर को भरपूर मात्रा में पोषण मिलता है।
-अगर आप भीगे चने का रोजाना करेंगे तो इससे कई तरह के रोगों से राहत मिलती है।
– स्वस्थ रहने के लिए रोजाना सुबह भीगे चने का सेवन करना चाहिए।

जानिए पेट में गैस बनने के कारण और उपाय ..

तुर्की में हुए शोध के अनुसार पेट के बल सोने से बचना चाहिए. क्योंकि इस दौरान पेट से जुड़े अंगों पर दबाव पड़ता है व कई तरह की गेस्ट्रो प्रॉब्लम्स की संभावना बढ़ जाती है. पेट को स्वस्थ रखने के लिए सीधे सोएं व खूब पानी पीने के साथ रेगुलर वॉक करें. तली-भुनी चीजों से परहेज करें व पौष्टिक ही खाएं.कारण:-
- असंयमित दिनचर्या आैर खानपान.
- शराब और चाय-कॉफी का अधिक सेवन.
- पेट में हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक संक्रमण होने से, पर्निशस एनीमिया जैसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के कारण, पेट में बाइल एसिड के जमा होने पर.
- गैस का कारण बनने वाले भोजन का सेवन करने से.
- ज्यादा मात्रा में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने से.
- प्रतिरक्षा प्रणाली के निर्बल होने पर वायरल संक्रमण, जैसे साइटोमेगालोवायरस व हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस के कारण.
- अधिक तनाव लेने से.
- दूध और दूध के उत्पादों को पचा पाने में असमर्थ होने पर.
बचाव :-
- गैस बनने पर पेट में जलन होना आम बात है. गैस की समस्या (gas problem) से छुटकारा पाने के लिए बेकिंग सोडे का सेवन किया जा सकता है. बेकिंग सोडा को सोडियम बाइकार्बोनेट भी बोला जाता है. यह एक प्रकार से एंटासिड की तरह कार्य करता है. इसके सेवन से पेट में एसिड का स्तर सामान्य होने कि सम्भावना है.
- पेट में गैस बनने के कारण होने वाली जलन को कम करने के लिए एलोवेरा कारागारसबसे बेहतर तरीका है. एलोवेरा में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेट की अंदरूनी परत में आई सूजन को कम करने में मदद करते हैं. साथ ही यह अच्छा एंटीसेप्टीक एजेंटी भी है, जिस कारण यह संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को मारने में सक्षम है.
- नारियल पानी विभिन्न विटामिन्स और पोषक तत्वों से भरपूर होता है. साथ ही इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो गैस के कारण पेट में आई सूजन को कम कर सकता है.
- अदरक एक आयुर्वेदिक औषधी है, जिसे सालों से विभिन्न बीमारियों में प्रयोग किया जा रहा है. पेट में गैस बनने पर भी इसका सेवन किया जा सकता है, जिसके सकारात्मक प्रभाव नजर आते हैं. अदरक में एंटीबैक्टीरियल व एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक संक्रमण के कारण पेट में होने वाली सूजन को कम करने में सक्षम हैं.

कब्ज को दूर करने के लिए अपनाये ये उपाए

आजकल गलत खान-पान और बढ़ते तनाव से पेट की समस्या बढ़ती जा रही हे। जैसे की पेट में जलन, दर्द, अपच, गैस, एसिडिटी आदि। अगर आप इन समस्याओं से दूर रहना चाहते हैं तो करे निम्नलिखित उपाय का प्रयोग….
एसिडिटी
– जब भी एसिडिटी का अटैक हो, तो सबसे बेहतर उपाय है एक पका केला खालें. केला थोड़ा ज़्यादा पका होगा, तो असर अच्छा होगा. केले में मौजूद पोटैशियम के कारण इसमें पीएच अधिक होता है, जो एसिडिटी को ख़त्म करता है.
– तुलसी के कुछ पत्ते चबा लें. तुलसी पेट में पेप्टिक एसिड के प्रभाव को कम करके एसिडिटी को कम करती है. यह पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाती है.
– ठंडा दूध पीने से भी एसिडिटी कम होती है. इसमें मौजूद कैल्शियम एसिडिटी को कम करता है. ठंडा होने के कारण यह जलन को कम करता है. ध्यान रहे कि इसमें शक्कर न मिला हो. अगर अधिक एसिडिटी है, तो इसमें 1 चम्मच देशी घी मिलाकर लें.
गैस
– दालचीनी गैस में बेहद फ़ायदेमंद है. आधा चम्मच दालचीनी पाउडर गर्म दूध में मिलाकर पीएं.
– दालचीनी की चाय भी बनाकर पी सकते हैं. दालचीनी पाउडर को 1 कप पानी में थोड़ी देर उबालें और इसे चाय की तरह पीएं.
– 1 ग्लास गर्म पानी में 2 टीस्पून एप्पल साइडर विनेगर (यदि यह उपलब्ध न हो, तो साधारण विनेगर का इस्तेमाल करें)मिलाएं. ठंडा होने पर इसे पीएं.
पेटदर्द
– कैमोमॉइल टी पीने से पेटदर्द दूर होता है. यह पेट की मसल्स को रिलैक्स करके दर्द से राहत देता है. कैमोमॉइल टी बैग यूज़ करें या फिर एक कप गर्म पानी में 1-2 टीस्पून कैमोमॉइल पाउडर मिलाकर 15 मिनट तक ढंककर उबालें
– गर्म पानी से सिंकाई करें. इससे दर्द में काफ़ी राहत मिलती है.
– चावल का पानी (मांड) काफ़ी समय से पेटदर्द के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. आधा कप चावल में 2 कप पानी मिलाकर उसे धीमी आंच पर पकाएं. चावल जब नर्म होने लगे, तो इसका पानी अलग निकालकर गर्म-गर्म पीएं.
– पुदीने के पत्तों को चबाकर खाने से राहत मिलती है. चाहें, तो इसे पानी में उबालकर गुनगुना पीएं.
– गर्म पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से भी दर्द में आराम मिलता है.
बदहज़मी
– जैसे ही आपको बदहज़मी महसूस हो, फ़ौरन एक सेब खा लें. छिलके के साथ खाने पर अधिक फ़ायदा होगा, क्योंकि वो फाइबर से भरपूर होता है.
– संतरा भी बहुत फ़ायदेमंद है. संतरे में कई तरह के नेचुरल एसिड्स होते हैं, जो राहत देते हैं.
– खाना खाने से पहले अगर संतरे का रस पी लें, तो पाचन क्रिया अच्छी होती है और यदि आप हैवी मील्स लेने की चाह रख रहे हों, तो अपच से बचने के लिए संतरे का जूस ज़रूर पीएं.

Wednesday 4 September 2019

इमली में छुपे है सेहत के राज

इमली वैसे तो कभी खट्टा खाने की इच्छा होती है तो अधिकांश लोग इमली का सेवन करते है। इमली का नाम जुबां पर आते ही मुंह में खट्टा-मीठा स्वाद आने लग जाता है। आपको बता दें कि चाट ,गोलगप्पे तथा चटनी का स्वाद तो इमली से ही आता है।
इसमें स्वाद के अलावा बहुत से ऐसे गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते है। विटामिन सी, कैल्शियम,आयरन,फाइबर तथा पोटाशियम जैसे और भी त्तव इसमें भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। चलिए जानते हैं इसके फायदो के बारे में…
भूख बढ़ाएं : अगर आपको भूख नहीं लगती है तो आप इमली का सेवन कीजिए। इससे आपको भूख लगने लग जाएगी। आपको बता दें कि इमली के पानी मे थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर पीने से भूख लगनी शुरू हो जाती है।
पाचनक्रिया में होगा सुधार : इमली में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। पाचनक्रिया में सुधार के लिए एक लिटर पानी में एक चम्मच इमली के गुद्दे को डालकर उबाल लीजिए और ठंड़ा होने पर छानकर पी लीजिए।
जुखाम : सर्दी लगने पर पक्की इमली के रस में मिश्री मिलाकर पीने से जल्द आराम मिलता है।
वजन होगा कम : अगर आप मोटापे की समस्या से परेशान हैं तो अपने खाने में इमली शामिल कीजिए। इसमें हाइड्रोऑक्साइटिक एसिड होता है जो वजन कम करने में मददगार है।
सूजन से मिलेगी राहत : जोड़ो का दर्द होने पर इमली को लेप बनाकर सूजन पर लगा लीजिए और ऊपर से सूती कपड़े से लपेट लीजिए। इससे सूजन कम होगी।
बवासीर में इमली रामबाण : बवासीर में इमली रामबाण के रूप में काम आती है। इसमें के गुद्दे को पानी में मिलाकर रोगी को दिन में 2 बार पीलाना चाहिए। इससे राहत मिलती है।